अब कुछ दिनों से सर्दी से तो राहत मिली है. अब तो बस यह तबियत है कि जल्दी से ये दिन लम्बे होने लग जायें तो काम करने में और आसानी हो. यही दुआ है हर मेवातवासी की. और भई हो भी क्यों नहीं, उनके पास काम ही इतने सारे होते हैं,,, पर इन बच्चों का ज़ज्बा तो देखिये, मैथ जानने कि इच्छा ने इन्हें इस ठण्ड में भी कमज़ोर न पडने दिया. उपर से नई नई बातें जानी और सीखी और उनको अच्छी तरह से हर इंसान तक पहुंचाया भी.....छोटा हो या बड़ा सबने ही सीखने को हाँ ही भरी. मैथ है ही इतनी दिलचस्प कि जिंदगी में हर जगह मिल जाती है, चाहे वो कपडे की खरीदारी हो या चाची की लायी बालूशाही, नुक्कड़ पे चाय की दूकान हो या कपडे सीने वाले अकरम चाचा, हर किसी के लिए है ये मैथ की पाठशाला... अब इंतज़ार तो इस बात का है कि आज छुट्टी है और सबीन को आलस ने जकड़ रखा है, उम्मीद है कि आज वो घर पर बैठे बैठे ही कुछ कमाल कर दिखाए या चलो हम हम खुद ही चलके देखें |